मित्रों!

आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं।

बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए।


फ़ॉलोअर

शुक्रवार, 17 जनवरी 2014

संजीवनी भूले --पथिक अनजाना –४५६ वीं पोस्ट




        संजीवनी भूले    --पथिक अनजाना –४५६ वीं पोस्ट 

 जब जब अवतारों ने मानवता को जीवित रखने की खातिर
अनथक परिश्रम से संजीवनी शक्ति फैलाने का श्रम किया
जब जब भागीरथी ने मानवता के शुद्धिकरण की खातिर
गंगा को धरा पर अवतरित करने हेतू अपना जीवन दिया
लगा मूल्य इंसा ने संजीवनी भूल देवों की मूर्तियाँ बना दी
विवश देवगण क्या करे जब बुद्धिमान ही बुद्धिहीन हो जावे
चेतावनियाँ बन गई इंसानी कहानियाँ खुदा खोगया कहलावे
पथिक अनजाना

1 टिप्पणी: